पानी के दोहे
जल जीवन ,जल प्राण हे ,जल जगती का जान
जीना हे तो कीजिये ,जल धन का सम्मान
जल गीता ,जल बाईबल ,जल जैसे कुरआन
जल ईसा ,जल कृष्ण हे ,जल अल्ला भगवान
जल की हमने की नहीं ,अगर हिफ़ाजत आज
कल केसे सुन पाएंगे ,कल कल की आवाज
रोटी लटकी चाँद पर ,जल पहुंचा आकाश
त्राहि -त्राहि भू पर मची ,रे मानव शाबाश
व्यर्थ बहा मत ऐश में ,व्यर्थ न कर छिडकाव
सोने से बढकर समझ ,नादाँ जल का भाव
दस दस उपग्रह भेज कर ,गर्वित हे सरकार
मीलों तक पहुंची इधर ,जल के लिए कतार
कृष्णा कुमारी
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