Saturday 7 September 2019


बड़ी भोली है वो लड़की

उसे कुछ भी नहीं मतलब
कि दुनिया गोल है चाँद की मानिंद
या चोकोर है दादी के बक्से की तरह
या उस की बिंदिया की तरह चपटी / नहीं मालूम उस को
आदमी क्यूँ चाँद पर पहुंचा 
बनाई किस ने ऊँची और नीची ज़ात 
उसे ऐसे सवालों से /नहीं कुछ लेना - देना है

सुना तक भी नहीं /'कुरआन ', 'गीता ',बाईबिल का नाम
उस ने तो /नहीं कुछ जानती वो
ज्ञान का सागर होता है कहाँ से आरम्भ
होती है कहाँ इस आकाश की सीमा
कहा करती थी दादी मां
कि है सब से बड़ा ईश्वर
मगर वह भी कभी नहीं देखा उस ने
निरी मासूम है ,,/नादान है ,भोली है वो
लेकिन
सभी कहते हैं
उस को बेवकूफ अकसर
समझदारी नहीं उस में ज़माने की
परे अक्षांशों है विद्वता उस से
मुझे लगता है शायद /इसीलिए ही
प्यार के नजदीक है सब से जियादा वो
बहुत प्यारी है वो लड़की
बड़ी भोली है वो लड़की






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