Sunday 16 August 2015

(कृपया जरुर पढियेगा ) भगवान के नाम पर लूट ...टॉर्चर ...
आज घर से ६० किलोमीटर दूर एक   प्राकृतिक स्थल  है . छोटी सी गुफा  मंदिर  है .वहां बारिश ,मै झरना ,हरियाली ,पर्वत देखने जाते हैं .आधा कि.मी .पहले ही मंदिर विकास समिति के नाम की २० रु की पर्ची काटने वालों ने आगे नहीं जाने दिया .भगवान  के नाम पर लूट , व् टार्चर ....मैं  ने अपने बात रखी कि मैं ऐसे कामों मैं शामिल नहीं हो सकती .मगर नहीं माने .हम वापस आ गए . मैं गलत का साथ नहीं दे सकती . २० रु की कोपी  या पेन गरीब बच्चे को मैं बहुत ख़ुशी से दे देती हूँ .फीस भर देती हूँ ..या कुछ और ... .यानि वो सारी जगह उन की बपोती हो गई .खुद बोले हम ने ७ लाख रु इकट्ठे कर लिए हैं .आज वहां हजारों लोग पहुंचे थे .शायद ही कोई वापस आया हो .विरोध जताया हो .सड़क पर एक -एक दो -दो फीट के गड्डे..काश सड़क बनवाने केलिये पैसे लेते व् बनवा देते .७-८ घंटे सफ़र , थकन .पेट्रोल .....पर मैं संतुष्ट हूँ .धेर्म के नाम पर शोषण व् टॉर्चर मैं शामिल नहीं हुई .मैं अपने हिस्से का बेहतर कर लेती हूँ बस ....मैं दर्शन करने नहीं गई थी .भगवान तो सदैव मेंरे साथ होते हैं  ...मैं तो प्रकृति प्रेमी हूँ ...

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