Saturday, 4 February 2012
गजल
छोड़ो ये किरदार की बातें
और हे संसार की बातें
साथ न देता कोई किसी का
ये सब हे बेकार की बातें
भाई से भाई करता हे
अब तो बस दीवार की बातें
शादी लायक हो गया बेटा
अब होगीं व्यापर की बातें
दूध के भी तो दांतन टूटे
करते हे हथियार की बातें
कडवी लगती हे बच्चों को
अब तो शिष्टाचार की बातें
गुलशन में होती हे keval
काटों के श्रृंगार की बातें
हाय ज़माने मिलती हे बस
कविताओं में प्यार की बातें
कमसिन कब मंजूर जहाँ को
क्यूँ करती हो प्यार की बातें
छोड़ो ये किरदार की बातें
और हे संसार की बातें
साथ न देता कोई किसी का
ये सब हे बेकार की बातें
भाई से भाई करता हे
अब तो बस दीवार की बातें
शादी लायक हो गया बेटा
अब होगीं व्यापर की बातें
दूध के भी तो दांतन टूटे
करते हे हथियार की बातें
कडवी लगती हे बच्चों को
अब तो शिष्टाचार की बातें
गुलशन में होती हे keval
काटों के श्रृंगार की बातें
हाय ज़माने मिलती हे बस
कविताओं में प्यार की बातें
कमसिन कब मंजूर जहाँ को
क्यूँ करती हो प्यार की बातें
Friday, 6 January 2012
Friday, 30 December 2011
Meri saada-dili !
मेरी सादादिली नहीं जाती
मेरी सादादिली नहीं जाती
उस की दीवानगी नहीं जाती
वो समझ जाए तो ग़नीमत है
बात दिल की कही नहीं जाती
ख्व़ाहिशें मेरी कम नहीं होती
उन की दर्यादिली नहीं जाती
दोस्ती उम्र भर नहीं रहती
उम्र भर दुश्मनी नहीं जाती
मैं यूँ ख़ामोश रह गई उन से
बात कड़वी सुनी नहीं जाती
“कमसिन” उन के सितम नहीं रुकते
अपनी भी ख़ुदसरी नहीं जाती
उस की दीवानगी नहीं जाती
वो समझ जाए तो ग़नीमत है
बात दिल की कही नहीं जाती
ख्व़ाहिशें मेरी कम नहीं होती
उन की दर्यादिली नहीं जाती
दोस्ती उम्र भर नहीं रहती
उम्र भर दुश्मनी नहीं जाती
मैं यूँ ख़ामोश रह गई उन से
बात कड़वी सुनी नहीं जाती
“कमसिन” उन के सितम नहीं रुकते
अपनी भी ख़ुदसरी नहीं जाती
Thursday, 29 December 2011
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